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Monday 18 June 2018

बिजली के झटके से मरें इंसान को इस तरह से 5 मिनट के अन्दर जिन्दा किया जा सकता है

बिजली के झटके से मरें इंसान को इस तरह से 5 मिनट के अन्दर जिन्दा किया जा सकता है

डॉक्टरो के मुताबिक करंट लगने से इंसान का दिल काम करना बंद कर देता है जिससें उसकी सासें तुरंत बंद हो जाती है और इंसान की मौत हो जाती है। परन्तु डॉक्टरो के अनुसार व्यक्ति को पूर्णतया मरने मे 5 से 10 मिनट का वक्त लगता है यह वक्त घरेलु बिजली के लिए है। हाईटेंशन लाइन से करंट लगने पर अगर टच होते ही सम्पर्क कट जाये तो व्यक्ति बच सकता है।

भारत मे हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. के.के. अग्रवाल ने बताया कि अगर करंट लगने से मौत हो भी जाए तो पीड़ित व्यक्ति को कार्डियोप्लमनरी रिससिटेशन (सीपीआर) की पारंपरिक तकनीक का 10 का फार्मूला प्रयोग करके 10 मिनट में होश में लाया जा सकता है इसमें पीड़ित का दिल प्रति मिनट 100 बार दबाया जाता है।

भारत में ज्यादातर मौतें अर्थ के सही प्रयोग न करने की वजह से होती हैं भारत में अर्थिंग या तो स्थानीय स्रोत से प्राप्त की जा सकती है या घर पर ही गहरा गड्ढा खोदकर खुद बनाई जा सकती है।

● अर्थिंग को कभी न ले हल्के में

घर मे हमेशा तीन पिन वाले प्लग का प्रयोग करना चाहिए, तीन पिन के सॉकेट के ऊपर वाले छेद में लगी मोटी तार अर्थिंग की होती है किसी बिजली सर्किट में हरी तार अर्थिंग की, काली तार न्यूट्रल और लाल तार करंट वाली तार होती है आसानी से पहचान हो सके इसलिए अर्थ की तार शुरू से ही हरी रखी गई है

आम तौर पर जब करंट वाले लाल तार को जब न्यूट्रल तार से जोड़ा जाता है, तब घर मे बिजली प्रवाहित होती है. करंट वाले तार को अर्थिंग मिल जाने से बिजली प्रवाहित होती है जब अर्थिंग का तार न्यूट्रल से जुड़ा होगा, तब बिजली प्रवाहित नहीं होती है।

विधुत वायरिंग मे अर्थिंग सुरक्षा के लिए की जाती है जो लीक होने वाली बिजली से झटका देने की जगह शरीर के बजाय सीधी जमीन में भेज देती है अर्थिंग की जांच हर छह महीने बाद करते रहना चाहिए, क्योंकि समय व मौसम के साथ यह घिसती रहती है, खासकर बारिश के दिनों में

टेस्टर से भी अर्थिंग की जांच हो सकती है. और करंट और अर्थिंग वाले तार से बल्ब जलाकर देखा जा सकता है. अगर इन दो तारों के जोड़ने से बल्ब न जले तो समझ जाइये, अर्थिंग में खराबी है

आमतौर पर लोग अर्थिंग को हल्के में लेते हैं और इसका गलत प्रयोग करते हैं करंट वाले और अर्थिंग के तार को अक्सर अस्थायी तौर पर एक साथ जोड़ दिया जाता है, जो खतरनाक हो सकता है।

● बिजली से होने वाली दुर्घटनाओं से बचाओ के लिए रखे इन बातो का विशेष ध्यान

घर में अर्थिंग की व्यवस्था का हमेशा ध्यान रखें हरे तार को याद रखें, इसके बिना बिजली उपकरण का प्रयोग न करें, खासकर जब यह पानी के स्रोत को छू रहा हो. पानी करंट के प्रवाह की गति को बढ़ा देता है, इसलिए नमी वाले माहौल में अतिरिक्त सावधानी रखें दो पिन वाले बिना अर्थिंग के उपकरणों का प्रयोग न करें, इन पर पाबंदी होनी चाहिए तीन पिन वाले प्लग का प्रयोग करते समय ध्यान रखें कि तीनों तार जुड़े हों और पिनें खराब न हो।

तारों को प्लग से ही लगाये तार को सॉकेट में लगाने के लिए माचिस की तीलियों का प्रयोग कभी न करें किसी भी तार को तब तक न छुएं, जब तक बिजली बंद न कर दी गई हो अर्थिंग के तार को न्यूट्रल के विकल्प के तौर पर ना प्रयोग करें सभी जोड़ों पर बिजली वाली टेप लगाएं, न कि सेलोटेप या बेंडेडगीजर के पानी का प्रयोग करने से पहले गीजर बंद कर दें हीटर प्लेट का प्रयोग नंगी तार के साथ न करें।

हमेशा घर पर सूखी रबड़ की चप्पलें पहनें घर पर सर्किट ब्रेकर और अर्थ लीक सर्किट ब्रेकर का प्रयोग करें मैटेलिक बिजली उपकरण पानी के नल के पास कभी मत रखें रबड़ के मैट और रबड़ की टांगों वाले कूलर स्टैंड बिजली उपकरणों को सुरक्षित बना सकते हैं केवल सुरक्षित तारें और फ्यूज का ही प्रयोग करें किसी भी आम टैस्टर से करंट के लीक होने का पता लगाया जा सकता है फ्रिज के हैंडल पर कपड़ा बांध कर रखें।

प्रत्येक बिजली उपकरण के साथ बताए गए निर्देश ध्यान से पढा जाना आवश्यक होता है, अमेरिका में प्रयोग होते है 110 वोल्ट की तुलना में भारत में 220 वोल्ट का प्रयोग होने से करंट लगने से मौत की दुर्घटनाएं ज्यादा होती हैं डीसी करंट की तुलना में एसी करंट ज्यादा खतरनाक होता है 10 एमए से ज्यादा का एसी करंट इतनी मजबूती से हाथ पकड़ लेता है कि हटा पाना असंभव हो जाता है।

● करंट लगने पर यदि 5 मिनट के अंदर करें ये इलाज तो बच सकती है जान

विधुत करंट लगने की स्थिति में उचित तरीके से इलाज करना बेहद जरूरी होता है. पहले मेन स्विच बंद कर दें या लकड़ी के साथ तार हटा दें कार्डियो प्लमनरी सांस लेने की प्रक्रिया तुरंत शुरू कर दें क्लीनिकली तौर पर मृत व्यक्ति की छाती में एक फुट की दूरी से एक जोरदार धक्के से ही होश में लाया जा सकता है।

डॉ. ने बताया कि तीव्र विधुत करंट लगने से क्लिनिकल मौत 4 से 5 मिनट में ही हो जाती है, इसलिए तत्काल कदम उठाने का समय बहुत कम होता है. मरीज को अस्पताल ले जाने का इंतजार मत करें. वहीं पर उसी वक्त कदम उठाएं।