योजना का लक्ष्य शिक्षायोजना का मुख्य जोर यह है कि यद्यपि गरीब है पर प्रत्येक मेधावी छात्र को चुकाने में समर्थ होने वित्तीय सहायता प्राप्त करके शिक्षा प्राप्त करने का अवसर दिया जाना है। वित्तीय सहायता के अभाव के कारण किसी योग्य छात्र को उच्च शिक्षा प्राप्त करने से वंचित न रखा जाए। *Never Stop Learning* निर्देशक:- सुनील कुमार मीना
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Sunday, 4 February 2018
तुमने गम जो दिए हमें, हमने अपनो में बाँट दिए
"मुसीबत तो हर किसी के जिन्दगी में आती है और जो मुसीबतों का सामना कर लेता वो अपनी ख़ुशी पा लेता और जो मुसीबतों के से हार मान लेता वो अपनी ख़ुशी खो देता । सुख दुःख का ही दूसरा नाम जिन्दगी है ये जिन्दगी ईश्वर का दिया एक अनमोल तोफा है।
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पर कुछ लोग इस की भी परवाह किये बिना अपने प्रॉब्लम से हार मन कर इसे खो देते । ये कहानी भी ऐसे ही एक हरे हुए इन्सान की है । उसका नाम रोहन था वह जादातर अकेला ही रहता था । एक दिन उस की मुलाकात नैना से हुआ और पहली नजर में ही प्यार हो गया पर नैना बस उसे अपना दोस्त मानती थी । दोनों अक्सर साथ पढाई करते थे । रोहन उसे अपने दिल की बात बताना चहता था पर उस के सामने वो कुछ नही बोल पता । उस का दिल तो करता बस उसे देखता रहे उस की बड़ी बड़ी आंखो पे तो जैसे वो मरता था।
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एक दिन हिम्मत कर उस ने नैना को अपने दिल की बात बता दिया । फिर नैना उसे समझाने लगी के वो उसे बस अपना दोस्त मानती और उस के दिल में उस के लिए कुछ नही । उस दिन के बाद नैना रोहन से दूर दूर रहने लगी । रोहन हमेसा प्रेसन रहने लगा था और नेना से बात करनी की कोसिस करता पर नेना बात नही करती रोहन उस के बिना तो जेसे टूट गया था वो नैना को बहुत प्यार करता था । और एक दिन नैना ने उसे बताया की वो किसी और से प्यार करती और उसी के साथ जीना चाहती।
उस दिन रोहन बहुत रोया पुरे दिन बस अपने रूम में ही रहा और उस ने अपने हाथो का नस कट लिया और रूम में ही पडा रहा। सुबह जब उस की माँ उसे उठाने आई तो वहा हर तरफ बस खून ही खून और अपने बेटे को जमीन में पडा देख तो जेसे उस की ससे ही उक गयी थी । उस की माँ ने रोहन को उठा ने की कोसिस की पर उसे किया पता था वो अब कभी नही उठेगा।
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अपने जवान बेटे को खो के वो पागल हो गयी । रोहन ने अपनी जिन्दगी ख़म कर दी उस ने कभी ये नही सोचा की उस के माँ पापा का किया होगा 1 साल पहले मिले प्यार को ना पा कर उस ने 20 साल के रिश्ते को भुला दिया । जिन्दगी में सिर्फ अपने दर्द अपने आँसू के सिवा भी किसी के दर्द को समझना चाहिए कभी कभी अपने आँसू भूल अपनों की खुसी में जीना भी जिन्दगी होती है।" - तुमने गम जो दिए हमें, हमने अपनो में बाँट दिए http://tz.ucweb.com/2_2uphr
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