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Thursday 15 March 2018

IAS Question जानिए जवाब

प्रश्न. संयुक्त राष्ट्र संघ का मुख्यालय कहाँ है ?

उत्तर - न्यूयॉर्क में

प्रश्न. भारत का राष्ट्रीय फूल कौन सा है ?

उत्तर - कमल

प्रश्न. DNA का फुल फॉर्म क्या है ?

उत्तर - डीऑक्सीराइबोस न्युकिल्क अम्ल

प्रश्न. मुंबई विश्वविद्यालय की स्थापना कब हुई थी ?

उत्तर - 1857

प्रश्न. महाराष्ट्र राज्य के पहले मुख्यमंत्री कौन थे ?

उत्तर - यशवंतराव चव्हाण

प्रश्न. महाराष्ट्र में सबसे लंबी नदी कौन सी है ?

उत्तर - गोदावरी नदी

प्रश्न. महाराष्ट्र राज्य की आधिकारिक भाषा क्या है ?

उत्तर - मराठी

प्रश्न. दुल्हे को अंग्रेजी में क्या कहते है ?

उत्तर - GROOM

ये पौधा सिर्फ 21 दिन में बांझपन और नपुंसकता को जड से खत्म देता है, एक बार जरूर पढ़ें

नमस्कार मित्रों। मैं आज आपको एक ऐसे पौधे के बारे में बताने जा रहा हूं। जिसे प्राचीन काल में अशुभ माना जाता था। मगर जब इसके औषधीय गुणों की बात की जाए, तो यह पौधा औषधीय गुणों भरपूर है। मैं जिस पौधे की बात कर रहा हूं उसका नाम है, सत्यानाशी का पौधा। यह पौधा इतना गुनी है, कि कितना भी पुराना घाव हो या दाद, खुजली हो उसे चंद समय में ठीक कर देता है।
कहां मिलता है यह पौधा

यह पौधा लगभग भारत के सभी भागों में पाया जाता है और यह पौधा मुख्य रूप से शुष्क क्षेत्रों में बहुतायत से मिलता है। यह आपको खेत-खलिहान, नदी, नाला हर जगह मिल जाएगा। यह पौधा दो प्रकार के फूलों वाला होता है। एक प्रकार की पीले फूलों वाला व दूसरे सफेद फूल वाला। यह दोनों ही प्रकार का पौधा समान रूप से औषधीय प्रयोग वाला होता है। इसके पत्ते कटीले और इसे तोड़ने पर सुनहरे रंग का दूध निकलता है
सत्यानाशी के औषधीय गुण और उनका उपयोग

मित्रों वैसे तो यह पौधा उसके गुणों का भंडार है, परंतु मैं आज आपको इसके प्रमुख घरेलू उपचारों के बारे में बताऊंगा।

निसंतानता अथवा बांझपन

मित्रों बांझपन एक ऐसी समस्या है। जिससे व्यक्ति बुरी तरह टूट जाता है। जब इंसान के पास सब कुछ होता है और संतान नहीं होती है, तो वह सबसे दुखी होता है। निसंतानता का प्रमुख कारण बीज में शुक्राणुओं की कमी होना है। मित्रों अगर कोई भी व्यक्ति इस बीमारी से परेशान है, तो उसे सत्यानाशी के पौधे की जड़ की छाल को छाया में सुखाकर इसका पाउडर बनाकर उपयोग करना चाहिए। इसको सुबह खाली पेट 1 से 2 ग्राम दूध के साथ पी लें। इस पाउडर के नियमित सेवन से निसंतानता और धातु रोग की समस्या जड़ से मात्र 14 दिनों में खत्म हो जाएगी। यदि यह बीमारी अधिक उम्र के व्यक्ति को है, तो इसका प्रयोग 5 से 10 दिन ज्यादा करें। अगर मित्रों हम इसकी जड़ों को धो कर इनका पाउडर बना लें और इनका प्रयोग सुबह मिश्री के साथ लें, तो भी निसंतानता दूर हो सकती है। हमें संतान का सुख प्राप्त हो सकता है। यह पौधा बांझपन के लिए एक रामबाण औषधि की भांति कार्य करता है।

नपुसंकता

अगर मित्रों कोई व्यक्ति नपुसंकता से परेशान है, तो इसके लिए सत्यानाशी की जड़ों को पीसकर पाउडर बनाएं और इतनी ही मात्रा में बरगद का दूध मिलाकर, चने के आकार की गोलियां बना लें। इन गोलियों को लगातार 14 दिन तक सुबह शाम पानी के साथ लेने से नपुसंकता का रोग जड़ से खत्म हो जाएगा। यह पौधा नपुसंकता के लिए एक रामबाण औषधि की भांति कार्य करता है।

अस्थमा

अगर कोई व्यक्ति अस्थमा के रोग से परेशान है, तो उसे सत्यानाशी की जड़ों का चूर्ण एक गिलास दूध या गर्म पानी के साथ लेने पर यह रोग ठीक हो जाता है। मित्रों इसके अलावा भी अगर आपकी कोई समस्या है, तो हमें कमेंट कर जरूर बताना, हम जल्द ही आपकी समस्या पर भी पोस्ट डालने की कोशिश करूंगे।

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