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Saturday 30 December 2017

बिजली चोरी कैसे?

"बिजली चोरी कैसे? अफसर चकरघिन्नी Pradeshtoday बिजली मीटरों की जांच, नहीं पकड़ पाए गड़बड़ी प्रदेश टुडे संवाददाता, ग्वालियर : उपभोक्ताओं पर अक्सर बिजली चोरी का आरोप लगाने वाले बिजली कंपनी के अफसर परेशान है। परेशानी का कारण भी दिलचस्प है। उपभोक्ताओं के घरों में लगे बिजली मीटरो ने बिजली कंपनी मीटर टेस्टिंग लैब में गड़बडी उगलना बंद कर दिया है। अब अफसर परेशान हैं कि आखिर लाइन लॉस का कारण दस्तावेजों में क्या लिखा जाए। लिहाजा बिजली अफसरों को बिजली की यूनिट का हिसाब-किताब देने में पसीने छूट रहे है। अब तक होता ये था कि लाइन लॉस के आंकडो पर होने वाली समीक्षा में बिजली अधिकारी अक्सर खुद को बचाने के लिए बिजली चोरी होेने की बात कहते थे। इसके लिए उपभोक्ताओं को पूरी तरह से जिम्मेदार माना जाता था। अब सवाल ये उठ रहा है कि जब उपभोक्ताओं के बिजली मीटर कंपनी के मीटर टेस्टिंग लैब में खरे उतर रहे है तो फिर लाइन लॉस हो कहां रहा है? पावर मैनेजमेंट कंपनी जल्द मांगेगी रिपोर्ट मप्र पावर मैनेजमेंट कंपनी जल्द ही मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी से उपभोक्ताओं के लगे मीटरों की चैकिंग रिपोर्ट मांगेगी। इसी रिपोर्ट को बनाने में बिजली अफसरों के हाथ पाव फूल रहे है। इस रिपोर्ट में मीटरों की चैकिंग और उसके रिजल्ट की जानकारी देना जरूरी होता है। जबकि इतनी गड़बड़ी मीटरों में नही मिली है जितनी बिजली अधिकारियों द्वारा बताई जा रही थी। 197 करोड़ के हो चुके काम आरएपीडीआरपी योजना के तहत ग्वालियर में 197 करोड़ के काम किए जा चुके है। इसमें केबलिंग, मीटर का उपभोक्ताओं के परिसर से बाहर करना, शतप्रतिशत मीटरीकरण का कार्य लाइन लॉस को कम करने के लिए किया गया। इतना पैसा बहाने के बाद भी लाइन लॉस में कोई बडा सुधार नही आ पाया। अभी भी लाइन लॉस का आकडा 25 से 40 प्रतिशत तक जा रहा है। इसे सुधारने के लिए कंपनी नए कदम उठा रही है।" - बिजली चोरी कैसे? अफसर चकरघिन्नी http://tz.ucweb.com/12_4eKPX

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